बाहुबली आनंद मोहन पर बड़ा फैसला,26 जनवरी को जेल से मिल सकती है रिहाई
खबर पूर्व सांसद आनंद से जुड़ी है, जिनके लिए आनेवाला गणतंत्र दिवस बेहद खास हो सकता है। गोपालगंज के पूर्व डीएम की हत्या के मामले में 15 साल से जेल की सजा काट रहे पूर्व बाहुबली सांसद आनंद मोहन को इस दिन जेल से रिहाई मिल सकती है। बता दे की आनंद मोहन अपनी उम्र कैद की सजा पूरी कर चुके हैं, ऐसे में अब उन्हें जेल से रिहा करने के लिए राज्य सरकार इस पर
NBC24 DESK - खबर पूर्व सांसद आनंद से जुड़ी है, जिनके लिए आनेवाला गणतंत्र दिवस बेहद खास हो सकता है। गोपालगंज के पूर्व डीएम की हत्या के मामले में 15 साल से जेल की सजा काट रहे पूर्व बाहुबली सांसद आनंद मोहन को इस दिन जेल से रिहाई मिल सकती है। बता दे की आनंद मोहन अपनी उम्र कैद की सजा पूरी कर चुके हैं, ऐसे में अब उन्हें जेल से रिहा करने के लिए राज्य सरकार इस पर अपनी मुहर लगा सकती है।दरअसल, राज्य सरकार के मंत्रिमंडल में यह फैसला ले लिया गया है कि 26 जनवरी को वैसे कैदियों की रिहाई होगी, जिनका जेल में व्यवहार कुशल रहा है। ऐसे में सजा पूरी कर चुके आनंद मोहन को भी सरकार रिहा कर सकती है। सत्तारूढ़ दल के एक बड़े नेता ने नाम न छापने की अनुरोध पर बताया कि राज्य सरकार की तरफ से आनंद मोहन को छोड़ने की पूरी तैयारी हो चुकी है। जो कुछ प्रक्रियाएं हैं वह पूरी हो रही है। सरकार के हावभाव से ये हो चुका है आनंद मोहन की रिहाई संभव है। अब बस 26 जनवरी का इंतजार है।
आनंद मोहन की रिहाई को लेकर कई बार नीतीश कुमार के सामने बात रखी जा चुकी है। 2020 में महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि पर जब मुख्यमंत्री पहुंचे थे तो वहां क्षत्रिय समाज के लोगों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आनंद मोहन की रिहाई को लेकर मांग की थी। जिस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि जितनी चिंता आप लोगों को है उतनी चिंता मुझे भी है। मेरे हाथ से जो संभव है वह मैं करूंगा। हालांकि इस बात को ढाई साल बीत गए, लेकिन आनंद मोहन रिहा नहीं हुए। अपने पूरे उम्र कैद की सजा में आनंद मोहन ने कभी पैरोल की मांग नहीं की थी। आनंद मोहन की रिहाई राजद और जदयू के आनेवाले चुनाव के प्लान का हिस्सा है। आनंद मोहन की राजनीति पूरी तरह से बीजेपी के खिलाफ रही है ऐसे में आनंद मोहन महागठबंधन के लिए तुरुप का पत्ता साबित हो सकते है। आनंद मोहन आने वाले समय में चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। लेकिन महागठबंधन में राजपूत नेताओं की चल रही क्राइसिस को आनंद मोहन दूर कर सकते हैं। रघुवंश प्रसाद सिंह के निधन, प्रभुनाथ सिंह के जेल में जाने के बाद राजपूत वोटरों को साधने के लिए आनंद मोहन का सहारा महागठबंधन ले सकता है। आनंद मोहन एक समय यूथ आइडल थे